Sunday, November 28, 2010

प्यार झन करिया

  
 प्यार झन करिया
  कैहाल छी मील पैलीकै,  म्यर खयाल झन करिया,
  लोग बाग जे लै कौल, तुम सवाल झन करिया।
  हैगो म्यार दगाड पैली लै, योस कत्तू बखत,
  यो बार तुम लै, के बबाल झन करिया ॥
  न्है जाया आपण बाट इकलै चाहे तुम,
  हिटन बाट बैठ बे, म्यार इन्तजार झन करिया।
  बगि गोइं गध्यारों मैं, आंसुवोंक पैली लै, भौत बार,
  तुम लै इस्तेमाल, यो हथियार झन करिया ॥
  दबै बे सिरानिक ताव मेरि फोटो, मेरि नीन हराम झन करिया,
  प्यास मर गे बिल्कुल मेरि आब, पेश मिकै तुम जाम झन करिया।
  आपण ऎब छुपूणक खातिर,  किस्स म्यार आम झन करिया,
  नाम उसी लै है सकूं दुनि मैं तुमर , खाल्लि मिकैं बदनाम झन करिया ॥
  कर लिया कतुक लै चोट दिल पे हमार, हमुकैं मन्जूर छू ’मदन’
  प्यार आब बिछीन हैगो हमुकैं, हमार दगड प्यार झन करिया॥
........मदन मोहन बिष्ट........

2 comments:

  1. बिष्ट ज्यू भौत भल प्रयास छू कुमाऊंनी भाषा में लेखोणौक, अगर बखत लागौल तो जरा पहाड़ी फ़ोरम मे लै एक नजर मारिया www.pahariforum.net

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