Monday, March 14, 2011

मलाल...



वीक हंसण तो कमाल छी
पर वीक जाणक भ्हौत मलाल छी,
मुख पर हमार लगे गे ऊ दाग
हमूल समझौ ऊ गुलाल छी। 

रात भर ऊंछी वीकै स्वैण
दिन भर वीकै खयाल छी,
उडि गे नीन आब म्येरि आंखोंकि
वीक कौस ऊ सवाल छी।

करण बैठूं दिलक सौद जब लै "मदन"
जो लै मिलौ ऊ दलाल छी॥

........मदन मोहन बिष्ट, शक्ति विहार, रुद्रपुर.....