वीक हंसण तो कमाल छी
पर वीक जाणक भ्हौत मलाल छी,
मुख पर हमार लगे गे ऊ दाग
हमूल समझौ ऊ गुलाल छी।
रात भर ऊंछी वीकै स्वैण
दिन भर वीकै खयाल छी,
उडि गे नीन आब म्येरि आंखोंकि
वीक कौस ऊ सवाल छी।
करण बैठूं दिलक सौद जब लै "मदन"
जो लै मिलौ ऊ दलाल छी॥
........मदन मोहन बिष्ट, शक्ति विहार, रुद्रपुर.....