Saturday, November 27, 2010

जिन्दगी जी हाली

लोग सात जनम साथ निभोणक बात करनी,
मील तो थ्वाड देर मै ही जिन्दगी  जी हाली।
त्यर यादों कैं भुलै बेर खुदै सम्भल गोइं मी,
पर तील मिलते ही किलै आंख  झुकै हाली।
घरोंदा बडूंण में सदियो बै लागि छन लोग
जो उजड जां मिनटों में,
तील तो मिनटों मैं फ़िर दुनियां सजै हाली।
म्यर स्वैणों मै सिर्फ़ और सिर्फ़ तू ऊंछी,
हमूल आब नीन लै आपणि दुश्मन बणै हाली।
लोग सात जनम साथ निभोणक बात करनी,
मील तो थ्वाड देर मै ही जिन्दगी  जी हाली।
......................मदन मोहन बिष्ट

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