फ़ोटो चिट्ठी फ़ाड देईं खुद, हमार जैल सब रात्ती पै,
ब्याव हूण पर उठै ल्येगै फ़िर, चिथाड-मिथाड जाणि कत्ति बै।
झन आइया तुम नजर हमूंकैं, गुस्सम य़ां तक कै दे वील,
नि देख्यूं जो चार दिन तो लगंण चार कर हालीं वील।
कभैं फ़िर ना बात करुल आब, कसम उनूल यो खाई छी,
साथ नि छोडुल कभैं तुमर, आब यसि सौगन्ध उठाई छू।