Thursday, November 25, 2010

भौत देर तक....

साथ नि्भै नि पाइ ऊ भोत देर तक,
पर मिकैं भुल नि पाल ऊ भोत देर तक।
जब लै बैठोल पास वीक  क्वे,
म्यरै किस्स सुणाल उकैं भौत देर तक।
मि लै हर एक मै मुखड देखुल वीक,
ऊन जानै ऊ लै मिकैं चाल भौत देर तक।
कौस हाल मै छिन वां बै जाई बाद मि,
सुण बे यकीन नि आल उकैं भौत देर तक।
..............................मदन मोहन बिष्ट

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